Jo Itihass Main Nahin Hai

As low as ₹400.00
In stock
Only %1 left
SKU
8126311207

जो इतिहास में नहीं है - 
ईस्ट इंडिया कम्पनी के शोषण और दमन से त्रस्त झारखण्ड के आदिवासी सन्थाल बहादुरों के मुक्ति संग्राम की सशक्त महागाथा है 'जो इतिहास में नहीं है'—उपन्यास।
सन अट्ठारह सौ सत्तावन से पूर्व हुए इन आन्दोलनों के नायक वे लोग हैं, जिनके जल, जंगल और ज़मीन के नैसर्गिक अधिकारों से उन्हें लगातार बेदख़ल किया जाता रहा है। अंग्रेज़ी हुकूमत, ज़मींदार और साहूकार के त्रिगुट ने वस्तुतः इन वनपुत्रों को उनके जीने के प्राकृतिक अधिकार से वंचित कर रखा था। ऐसे में सिदो-कान्हू-चाँद-भैरव जैसे लड़ाकों की अगुआई में सन्थाल क्रान्ति 'हूल' का नगाड़ा बज उठता है। उपन्यास की यह कथा एक विद्रोही सन्थाल युवा हारिल मुरमू और उराँव युवती लाली के बनैले प्रेम के ताने-बाने से बुनी गयी है, जिसमें वहाँ के लोकजीवन और लोकरंग का गाढ़ापन है और जनजातीय समाज की धड़कनें भी। सन्देह नहीं कि बेहद रोचक और मर्मस्पर्शी इस उपन्यास की कथा को सहृदय पाठक वर्षों तक अपने दिल में सँजोये रखेंगे।

Reviews

Write Your Own Review
You're reviewing:Jo Itihass Main Nahin Hai
Your Rating
Copyright © 2025 Vani Prakashan Books. All Rights Reserved.

Design & Developed by: https://octagontechs.com/