Kahani Ka Tana-Bana

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9789388434966
"रज़ा साहब चाहते थे कि हमें हिन्दी में दूसरी भाषाओं की ऐसी कृतियाँ अनुवाद में लाना चाहिए जिन पर हिन्दी में विशेष सामग्री पहले से नहीं है। इसी क्रम में हम रज़ा पुस्तक माला के अन्तर्गत, शुरू से ही, उर्दू, फ़ारसी, बाङ्ला आदि से पुस्तकें हिन्दी में ला रहे हैं । जोगिन्दर पॉल उर्दू के बड़े कथाकार थे और उन्होंने कहानी विधा पर गम्भीरता से विचार किया था जो हिन्दी के अलावा सभी भारतीय भाषाओं के लिए प्रासंगिक है। हमें ‘कहानी का ताना-बाना' प्रस्तुत करते हुए प्रसन्नता है । -अशोक वाजपेयी"

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