Main Shayar Hoon

As low as ₹199.00
In stock
Only %1 left
SKU
9789389012750
शायरी जज़्बात के इज़्हार का नाम है। ब-कौले-'ग़ालिब' “नाला पाबन्दे-नै” नहीं होता। इसी तरह से इज़्हारे-जज़्बात को क़ायदों और ज़ाब्लों में बन्द नहीं किया जा सकता, वो तो अपने इज़्हार का रास्ता खोज ही लेते हैं, चाहे वो रास्ता अल्फ़ाज़ हों, रंग हों या कोई और... साहिल के जज़्बात और अहसासात ने अल्फ़ाज़ और शायरी का रास्ता चुना है अर्थात् जनाब प्रदीप साहिल एक शायर हैं। ये ग़ज़लों के शैदाई हैं और हिन्दी में ग़ज़लें कहते रहे हैं लेकिन इनकी भाषा बड़ी शुस्ता और सलील (परिमार्जित व सुबोध) उर्दू होती है। इसी शायरी के इश्क़ में इन्होंने उर्दू सीखी। और इस प्रकार दोनों ज़ुबानों से वाक़फ़ियत के बाद इनकी शायरी में एक गंगा-जमुनी रचाव ख़ुद-ब-ख़ुद पैदा हो गया। इनके कलाम में ताज़गी है, इनके सोचने और कहने का अन्दाज़ नया है और शायद इसीलिए इनके कलाम को पढ़-सुन कर ख़ुशी होती है। ये जिस तरह सोचते हैं, उसी तरह कह देते हैं। इनके यहाँ न कोई बनावट है, न कोई लाग-लपेट। इनके कलाम में अहसास की जो मासूमियत है, वो मन मोह लेती है..... प्रोफ़ेसर शमीम निकहत उर्दू विभाग दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली

Reviews

Write Your Own Review
You're reviewing:Main Shayar Hoon
Your Rating
Copyright © 2025 Vani Prakashan Books. All Rights Reserved.

Design & Developed by: https://octagontechs.com/