Munna Baindwale Ustad

As low as ₹150.00
In stock
Only %1 left
SKU
9788126316663
"मुन्ना बैंडवाले उस्ताद - उत्तर उपनिवेशवादी भारतीय जीवन के कथाकार हैं शिवदयाल। वह चाहे दाम्पत्य जीवन का प्रतिरोध हो या बाज़ारवाद का प्रतिरोध, परजीविता का प्रतिरोध हो या फिर बिन्दास जीवनशैली का प्रतिरोध—सब मिलाकर उत्तरआधुनिक सभ्यता का प्रतिरोध हैं शिवदयाल की कहानियाँ। शिवदयाल न तो समय से त्रस्त हैं और न आशंकित। नये समाज के रचने के क्रम में वे समय भी रच देते हैं। भूमण्डलीकरण के नये अर्थतन्त्र की उलझन से अपनी अस्मिता के लिए संघर्ष करते चन्दन और ख़ुशबू जैसे उनकी कहानियों के पात्र सहज ही नायकत्व पा जाते हैं। चूँकि हर कहानी किसी एक सामाजिक यथार्थ की अभिव्यक्ति है, इसलिए सभी कहानियों में एक ही कहानी अनस्यूत है। यथार्थ की भाषा रचने में कथाकार की कला की सहजता दिखाई पड़ती है। शिवदयाल न तो गल्प गढ़ते हैं और न ही वृत्तान्त को रबड़ की तरह खींचते हैं वरन् जीवन-प्रवाह में गल्प के विवर्त उठ खड़े होते हैं। उनके नायक और नायिका उत्तरआधुनिक जीवन के बिन्दास पात्र नहीं हैं। वर्ग चरित्र में वे पेंचकश की तरह प्रवेश करते हैं और उनके शील का उन्मोचन करते हुए वर्ग की पहचान रेखांकित कर देते हैं। शिल्प की जिस सहजता का दर्शन इन कहानियों में होता है वह आम आदमी की आमफहम भाषा से ही सम्भव है। कथ्य और शिल्प की इस अन्तरंगता के कारण ही 'मुन्ना बैंडवाले उस्ताद' के लेखक शिवदयाल हमारे समय के प्रतिनिधि कहानीकार बन गये हैं।—विजेन्द्र नारायण सिंह "

Reviews

Write Your Own Review
You're reviewing:Munna Baindwale Ustad
Your Rating
Copyright © 2025 Vani Prakashan Books. All Rights Reserved.

Design & Developed by: https://octagontechs.com/