Nirupama

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9789357757614
"कुमार के पास बहुत-से आदमी आये और आते रहे। भीड़ लगती-बढ़ती रही । लोगों में उत्सुकता, आनन्द, सहानुभूति फैली। वह बादामी और काली पॉलिश की दो डिबिया और एक ब्रश लिए बैठा था। कई जोड़े पॉलिश करने को मिले। सबसे एक-ही-एक पैसा उसने लिया। उसकी भलमनसाहत का यह दूसरा प्रमाण था। शहर में सनसनी फैल चली। चमार इधर-उधर जो थे, चौकन्ने हुए; वे दो पैसे से कम नहीं और एक आने तक पॉलिश कराई लेते थे । -इसी पुस्तक से"

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