Phoolan Ka Baada
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9788126317295
"फूलों का बाड़ा -
युवा कथाकार मो. आरिफ़ का एक और कहानी संगह है 'फूलों का बाड़ा'। विगत तीन-चार सालों में प्रकाश में आयी नये तेवर की कहानियों में आरिफ़ की चन्द कहानियों ने पाठकों का ध्यान अपनी तरफ़ खींचा है। ख़ासकर दाम्पत्य (जो इस संग्रह में 'फ़ुर्सत' शीर्षक से संगृहीत है), लू, पापा का चेहरा, मौसम आदि कहानियाँ छपते ही चर्चित हो गयी थीं। इस संग्रह की शीर्षक कहानी 'फूलों का बाड़ा' औपन्यासिक अन्विति लिये हुए हैं। आरिफ़ के यहाँ भाषा की रवानगी देखते ही बनती है। आरिफ़ तक़लीफ़ों का, विडम्बनाओं का घटाटोप नहीं बनाते। उनकी कहानियाँ मस्ती, बेफ़िक्री और बिन्दासपन से पूरमपूर हैं। जिस सहजता के साथ इनके पात्र परस्पर संवाद एवं अन्तःक्रिया करते हैं और आमफहम बातचीत में ही अपनी विडम्बनाओं, आन्तरिक रहस्यों का संकेत करते हैं, वह हिन्दी के 'गम्भीर फैशन' के इस माहौल में दुर्लभ है।
निश्चित तौर पर आरिफ़ की ये कहानियाँ हिन्दी कहानी की परम्परा में उर्दू अफ़साने की रवानगी, भाषा के बहुआयामी प्रवाह और शिल्प की अनोखी रचावट का योग करती हैं।
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