Rashtrapita Aur Netaji
‘भारत में अफ़वाहों की आँधी बहती रहती है, इन्हीं अफ़वाहों की आँधी में यह भी सुनती थी कि सुभाषचन्द्र बोस और जवाहरलाल में चूँकि मतभेद रहता था इसी से महात्मा गाँधी ने सुभाषचन्द्र बोस की उपेक्षा की। इतने सारे प्रश्न, इतनी बातें, मन करने लगा जाऊँ इसकी तह में, तह में जाने के लिए क्या करना चाहिए? किस इतिहासकार को पढ़े या किस किताब को? इसका द्वन्द्व जल्दी ही मिट गया। मन-ही-मन निर्णय कर लिया कि बस किसी जाल में नहीं उलझेंगी सिर्फ़ इन दो महापुरुषों के वाङ्मय को ही पढ़ेगी और सिर्फ़ उनकी ही बातें सुनँगी, पढ़ेगी और समझेंगी, या समझने का प्रयास करुँगी। यह दावा तो नहीं कर सकती कि पूरा समझ लिया पर हाँ इतना ज़रूर कहूँगी कि कुछ परतें खुलीं, कुछ भ्रान्तियाँ मिटीं। महात्मा गाँधी एवं सुभाषचन्द्र बोस के जीवन के अनछुए पहलुओं का रोचक ऐतिहासिक वृत्तान्त।