Ravindranath Thakur Ke Do Natak

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9788126319961
"रवीन्द्रनाथ ठाकुर के दो नाटक - भारतीय साहित्य के मूर्धन्य रचनाकार कविगुरु रवीन्द्रनाथ ठाकुर की रचनाशीलता का प्रत्येक आयाम सहृदय पाठक को ज्ञानानन्द के अपार में ला छोड़ता है। विश्वकवि रवि बाबू की कीर्ति अक्षय है और उनकी रचनाओं की महत्ता असन्दिग्ध 'रवीन्द्रनाथ ठाकुर के दो नाटक' पुस्तक में उनके दो नाटकों— 'डाकघर' एवं 'ख्यातीर विडम्बना' का यशस्वी रंगमर्मज्ञ नेमिचन्द्र जैन द्वारा किया गया हिन्दी अनुवाद प्रस्तुत किया जा रहा है। 'डाकघर' एक बहुलार्थी नाटक है, जो जीवन और मृत्यु के शाश्वत तटों के बीच गतिशील है। 'हाय मेरा चन्दा' एक हास्यबोध सम्पन्न नाटक है, जो मनोरंजन के साथ झीना सन्देश भी प्रदान करता है। ये दोनों नाटक अनेक बार मंचित हो चुके हैं। इन्हें सामाजिकों की व्यापक हार्दिकता प्राप्त हुई है। विश्वास है, इस पुस्तक से हिन्दी में नाट्यालेखों की क्षीणता कुछ कम हो सकेगी। "

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