Ravindranath Tyagi Rachnawali (1 to 8 Volume Set )
"आज के वरिष्ठ हास्य-व्यंग्य लेखकों में रवीन्द्रनाथ त्यागी का लेखन अपने ढंग का है। उस पर पूर्ववर्ती तथा समकालीन लेखकों का कोई प्रभाव परिलक्षित नहीं होता। उन्होंने लगभग स्वतन्त्र रूप में अपना लोकतन्त्र विकसित किया है। उनकी कलात्मक अभिरुचियाँ परिष्कृत और साहित्य का अध्ययन गहन है। वह उनके लेखन में उसे सम्पन्न बनाते हुए बोझिल होने से बचाते हुए सहज रूप में प्रतिबिम्बित होता है। त्यागीजी में राजनीतिक तल्खी नहीं है, वहाँ सहज परिहास-बोध है और स्थितियों का विश्लेषण तथा कौतुकपूर्ण सूझ-बूझ है। कहना न होगा कि रवीन्द्रनाथ त्यागी का साहित्य सुशिक्षित व सुसंस्कृत व्यंग्य व परिहास का अद्वितीय नमूना है...।"
- श्रीलाल शुक्ल
"मैं रवीन्द्रनाथ त्यागी को एक श्रेष्ठ कवि और श्रेष्ठ व्यंग्यकार स्वीकार करता हूँ। उनकी विशिष्टता का एक प्रमुख कारण है कि हमारे जो पुराने क्लासिकल हैं, उनमें उनकी गति है। वे सचमुच बहुत अच्छा लिखते हैं। ऐसा प्रवाहमय विट सम्पन्न गद्य मुझसे लिखते नहीं बनता...।"
- हरिशंकर परसाई