Sanyasi Aur Sundari
संन्यासी और सुंदरी -
वयोवृद्ध प्रसिद्ध आलोचक डॉ. रामचरण महेन्द्र ने इस पुस्तक के बारे में लिखा है- 'संन्यासी और सुन्दरी नृत्यांगना वासवदत्ता और आचार्य उपगुप्त, सामन्त आकर्षण-विकर्षण, प्रेम और वैराग्य, यौवन से छलकते महकते भाव सुमनों का एक अपूर्व गुलदस्ता है जिसे साहित्यकार यादवेन्द्र शर्मा 'चन्द्र' की पीयूषवर्षिणी लेखनी ने बड़ी कुशलता से सजाया है। उसमें प्रेम, यौवन, वासना और सौन्दर्य का भाव समुद्र हिलोरें ले रहा है, तो दूसरी ओर गूढ़ दार्शनिक तत्त्व विवेचना, उच्चादर्श तथा जीवन का मंजुल वातावरण महक रहा है।
यह शत-प्रतिशत सही है कि अपने इस उपन्यास के कारण चन्द्र श्रेष्ठ उपन्यासकार की श्रेणी में आ गये हैं। प्रमाण स्वरूप यह उपन्यास मराठी, उर्दू, ओड़िया, गुजराती में अनुवादित प्रकाशित होकर बहुत ही प्रशंसा अर्जित कर चुका है। आप भी इसको पढ़कर माधुर्य-रस में डूब जायेंगे।
-प्रकाशक
अन्तिम पृष्ठ आवरण -
संन्यासी और सुंदरी कथाकार का नवीनतम उपन्यास है। यह रोचक, पठनीय और प्रशंसनीय है। - महापंडित राहुल सांकृत्यायन
पुस्तक रोचक, वर्णन सरस व आकर्षक है। - आचार्य शिवपूजन सहाय
प्यार और वासना की चिरन्तन समस्या पर आधारित यह श्रेष्ठ उपन्यास राष्ट्रभाषा की श्रीवृद्धि करता है। - विशाल भारत मासिक, कोलकाता
तेजस्वी लेखक चन्द्र के संन्यासी और सुन्दरी उपन्यास ने मुझे बौद्ध युग के दर्शन कराये। मैं इससे विशेष रूप से प्रभावित हुआ। -गुलाबरत्न वाजपेयी
निर्विवाद मानना पड़ेगा कि उपन्यास में विश्लेषित विषय अपने ढंग का है और गहन है। -नवभारत टाइम्स
ऐसे उपन्यास वर्षों के बाद लिखे जाते हैं। मैं इसका गुजराती में अनुवाद करूँगा। -नटवर लाल जानी
भाषा में नदी सा प्रवाह, मिठास और विषय विश्लेषित करने की अपूर्व क्षमता है। -हर्षनाथ