Uttar Pradesh Ka Swatantrata Sangram : Baliya
As low as
₹495.00
In stock
Only %1 left
SKU
9789355188366
"उत्तर प्रदेश का स्वतंत्रता संग्राम : बलिया - बलिया जिले के स्वाधीनता संग्राम का इतिहास लिखा जाए और उसमें हिंदी साहित्य के शलाका पुरुष बाबू भारतेंदु हरिश्चंद्र जी का उल्लेख नहीं हो तो भारतवर्षोन्नति कैसे संभव है?
वर्ष 1884 में दिसंबर की ठिठुराती ठंड में आर्य देशोपकारिणी सभा ने बलिया के ददरी मेले में अपनी गद्य और पद्म की रचनाओं से स्वतंत्रता के लिए भारतवासियों को जगाने वाले भारतेंदु जी को व्याख्यान के निमित्त आमंत्रित किया था ।
गंगा-सरयू संगम तट पर ददरी के आध्यात्मिक, सांस्कृतिक, व्यावसायिक समागम में ब्रिटिश सरकार के कलक्टर मिस्टर डी. टी. रॉवर्ट की उपस्थिति में भारतेंदु बाबू ने जो कहा था, मुझे लगता है कि उसी के कुछ अंश जो मेरी दृष्टि में आत्मनिर्भर भारत के निर्माण का मंत्र बन सकते हैं, उद्धृत करना समीचीन होगा।
भारतेंदु हरिश्चंद्र जी ने कहा, “बलिया में जो कुछ हमने देखा, वह बहुत ही प्रशंसा के योग्य है। इस उत्साह का मूल कारण जो हमने खोजा, तो प्रगट हो गया कि इस देश के भाग्य से आजकल यहाँ सारा समाज ही ऐसा एकत्र है।""
★★★
भारत भूमि का वह भाग्यवान प्रदेश जिसकी विश्व पटल पर पहचान ही मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम, मानव जीवन का सार बताने वाली श्रीमद्भगवद्गीता के उद्घोषक योगेश्वर श्रीकृष्ण, महामानव तथागत बुद्ध, महात्मा कबीर, संत शिरोमणि रविदास सरीखे विश्ववंदनीय महापुरुषों की जन्मभूमि-पालनभूमि-कर्मभूमि होने के सौभाग्य- गौरव से अलंकृत है, वह उत्तर प्रदेश है ।
"